नई दिल्ली (द पंजाब प्लस) अमरनाथ की गुफा से बाबा बर्फानी की इस साल की पहली तस्वीर सामने आई है। यह तस्वीर अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पहले जारी की गई है। इस बार बर्फ से बने शिवलिंग की ऊंचाई करीब 7 फीट है। शिवलिंग में बाबा बर्फानी का दिव्य रूप बहुत ही सुंदर दिख रहा है।
कब शुरू हो रही है अमरनाथ यात्रा?
इस साल अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी और करीब 38 दिन चलेगी। यात्रा रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी। भक्त यात्रा शुरू होने से पहले ही बाबा के दर्शन इस तस्वीर के जरिए कर सकते हैं।
अमरनाथ गुफा का धार्मिक महत्व
अमरनाथ की गुफा में हर साल बर्फ से प्राकृतिक रूप से शिवलिंग बनता है, जिसे हिमानी शिवलिंग कहा जाता है। यहाँ सूर्य की रोशनी बहुत कम पहुँचती है, इसलिए गुफा की छत से टपकने वाला पानी धीरे-धीरे जम जाता है और इससे शिवलिंग बनता है। मान्यता है कि भगवान शिव ने यहीं पर माता पार्वती को अमरता का रहस्य यानी अमरत्व का मंत्र सुनाया था। भगवान शिव ने इस गुफा में तपस्या भी की थी।
अमरपक्षी की रहस्यमयी कथा
जब भगवान शिव अमर कथा सुना रहे थे, उस समय एक तोता और कबूतरों का जोड़ा भी वहाँ मौजूद था। कथा सुनने के कारण तोता शुकदेव के रूप में अमर हो गया। माना जाता है कि आज भी कई भक्तों को गुफा में कबूतरों का जोड़ा दिखता है, जिन्हें अमरपक्षी कहा जाता है।
कैसे करें अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन?
- यात्रा पर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी है।
- रजिस्ट्रेशन के समय मेडिकल सर्टिफिकेट भी जमा करना पड़ता है।
- श्रद्धालु को अपने साथ ये दस्तावेज रखने होते हैं।
- आधार कार्ड
- यात्रा आवेदन पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
- आरएफआईडी कार्ड
ध्यान दें: यात्रा पर केवल 70 साल से कम उम्र के लोग ही जा सकते हैं।
अमरनाथ यात्रा के दो रास्ते
1. पहलगाम रूट
यह रास्ता थोड़ा लंबा लेकिन आसान है।
करीब 16 किलोमीटर चलना होता है और 3 दिन में गुफा तक पहुँचा जा सकता है।
2. बालटाल रूट
यह रास्ता छोटा लेकिन कठिन चढ़ाई वाला है।
इसमें 14 किलोमीटर की सीधी चढ़ाई होती है, लेकिन कम समय में गुफा पहुँचा जा सकता है।
श्रद्धालुओं की सुविधा के इंतजाम
इस बार पिछले साल से ज्यादा श्रद्धालु आने की उम्मीद है। सरकार और प्रशासन की तरफ से रास्ते में ठहरने और आराम करने की व्यवस्था की जा रही है ताकि सभी श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके।
LG मनोज सिन्हा ने की समीक्षा
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार (5 मई) को ही श्रीनगर के पंथा चौक में अमरनाथ यात्रा ट्रांजिट कैंप पर जाकर यात्रा के लिए होने वाली तैयारियों की समीक्षा की। पहलगाम हमले के बाद भी अमरनाथ यात्रा के लिए भक्तों के उत्साह में कोई भी फर्क नहीं आया है. अभी तक मिली जानकारी के अनुसार 3 लाख 60 हजार से ज्यादा लोग अभ तक यात्रा के लिए पंजीकरण करा चुके है