चंडीगड़ (द पंजाब प्लस) पंजाब को नशे की चपेट से मुक्त कराने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्यभर में बड़े पैमाने पर अभियान चलाने का फैसला किया है। इस अभियान के तहत नशे की रोकथाम और पुनर्वास की प्रक्रिया को मजबूत किया जाएगा।
राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा ने सभी डिप्टी कमिश्नरों (DCs) को अपने-अपने जिलों में नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पुनर्वास और नशा मुक्ति केंद्रों को पूरी तरह से दवाइयों, टेस्टिंग किट और आवश्यक स्टाफ से लैस किया जाए ताकि नशे के आदी व्यक्तियों का उचित इलाज हो सके।

इस अभियान के तहत आईएएस अधिकारी संदीप कुमार सभी नशा मुक्ति केंद्रों का दौरा करेंगे और उनकी स्थिति का जायजा लेंगे। वह किसी भी प्रकार की कमी या लापरवाही की सीधी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस अभियान को उच्च स्तर पर मॉनिटर किया जाएगा और किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा ने आदेश जारी करते हुए कहा कि सभी डिप्टी कमिश्नरों को दो दिनों के भीतर अपने जिलों के नशा मुक्ति केंद्रों को पूरी तरह से सुसज्जित करना होगा। इनमें आवश्यक दवाइयां, बुप्रेनोर्फिन, टेस्टिंग किट और पर्याप्त मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर किसी जिले में पुनर्वास केंद्रों की व्यवस्था में कोई कमी पाई जाती है तो संबंधित अधिकारी पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने राज्य को नशामुक्त बनाने के लिए अपनी मंशा साफ कर दी है। सरकार न केवल ड्रग तस्करों और आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी, बल्कि नशे के आदी लोगों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए पुनर्वास केंद्रों को भी पूरी तरह से तैयार करेगी।
राज्य के सभी जिलों में यह अभियान एक साथ चलाया जाएगा और इसकी निगरानी उच्च स्तर पर की जाएगी। सरकार का कहना है कि यह केवल एक औपचारिकता नहीं बल्कि पंजाब को नशामुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।