जालंधर (दीपक पंडित) सर्व शिक्षा अभियान और मिड-डे मील योजना में कार्यरत दफ्तरी कर्मचारियों ने आज पार्टी अध्यक्ष एवं पंजाब सरकार में कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा को ज्ञापन सौंपकर स्थायी नियुक्ति की मांग दोहराई।
कर्मचारियों ने सरकार की कथित नौकरशाही पर सवाल खड़े करते हुए पूछा कि क्या पंजाब की नौकरशाही मुख्यमंत्री भगवंत मान, वित्त मंत्री हरपाल चीमा और पार्टी अध्यक्ष अमन अरोड़ा में से किसी का भी आदेश नहीं मानती। क्योंकि वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने 6 नवंबर को हुई मीटिंग में एक महीने के अंदर और फिर 26 दिसंबर को हुई मीटिंग में 15 दिन के अंदर अधिकारियों को रेगुलर करने के आदेश जारी किए थे, लेकिन वित्त विभाग और परसोनल विभाग के अधिकारियों द्वारा वित्त मंत्री के आदेशों की अनदेखी की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने 21 अप्रैल 2022 को दफ़्तर कर्मचारियों को रेगुलर करने के लिखित आदेश दिए थे और समय-समय पर कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने भी अधिकारियों को आदेश दिए हैं, लेकिन फिर भी मसले हल नहीं हुए हैं।
नेताओं ने कहा कि 14 मार्च 2024 को मांगों को स्वीकार करने के बाद पंजाब के एडवोकेट जनरल ने भी 8886 अध्यापकों की तर्ज पर दफ़्तर कर्मचारियों को रेगुलर करने पर अपनी सहमति दे दी है और अब शिक्षा विभाग में कर्मचारियों को स्थायी करने में कोई कानूनी अड़चन नहीं है।
प्रेस बयान जारी करते हुए सर्व शिक्षा अभियान मिड-डे मील कार्यालय कर्मचारी यूनियन के नेता शोभित भगत व गगनदीप शर्मा ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष व कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि वह जल्द ही पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ कर्मचारियों की पैनल मीटिंग करवाएंगे। नेताओं ने बताया कि कर्मचारियों का दिसंबर व जनवरी का वेतन काट लिया गया है तथा उन्होंने शिक्षा अधिकारियों को काटे गए वेतन को जारी करने के आदेश दिए तथा अधिकारियों को नियमित कर्मचारियों के काम में तेजी लाने के आदेश दिए।