द पंजाब प्लस/ पंजाब के मशहूर गायक सिद्धू मूसेवाला (शुभदीप सिंह मूसेवाला) भले ही इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन अपनी रचनाओं और गीतों के जरिए वह आज भी अपने चाहने वालों के बीच जिंदा हैं। सिद्धू मूसेवाला को दुनिया से गए तीन साल हो चुके हैं, लेकिन समाज को दर्शाने वाले अपने गीतों के जरिए वह आज भी अपने चाहने वालों के दिलों में जीवित हैं।
आज भी सिद्धू मूसेवाला के चाहने वाले हर छोटे-बड़े मौके पर उनके गाने गाकर उन्हें याद करते नजर आते हैं। सिद्धू मूसेवाला ने छोटी सी उम्र में ही पूरी दुनिया में शोहरत हासिल कर ली थी। गौरतलब है कि मशहूर गायक की 29 मई 2022 की काली शाम को हत्या कर दी गई थी। 29 मई की शाम को अज्ञात हमलावरों ने सिद्धू मूसेवाला को घेर लिया और ताबड़तोड़ गोलियां चलाईं।
इस घटना में मूसेवाला को कई गोलियां लगीं और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन एंबुलेंस पहुंचने से पहले ही मूसेवाला की मौत हो चुकी थी। सिद्धू मूसेवाला के अंतिम संस्कार में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए थे। इनमें कला, संगीत और फिल्म जगत की कई बड़ी हस्तियां शामिल थीं। सिद्धू को चाहने वालों में पंजाब और दूसरे राज्यों के साथ-साथ देश-विदेश से भी लोग शामिल थे। सिद्धू का अंतिम संस्कार उनके खेतों में किया गया, जहां बाद में उनकी यादगार बनाई जा सके।
जब ट्रैक्टर 5911 पर उनका अंतिम संस्कार श्मशान घाट पहुंचा तो लोगों की भारी भीड़ और अपने बेटे के प्रति लोगों के अपार प्रेम ने उनके पिता के सब्र का बांध तोड़ दिया। उन्होंने रोते हुए अपनी पगड़ी उतारी और लोगों के सामने झुककर दुख की इस घड़ी में उनका साथ देने वालों का शुक्रिया अदा किया। यह पल बेहद भावुक करने वाला था। आज शुभदीप सिंह सिद्धू मूसेवाला की तीसरी पुण्यतिथि है। दिवंगत सिद्धू मूसेवाला को याद करते हुए उनके पिता बलकौर सिंह ने बरसी से एक दिन पहले सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट किया है।
उन्होंने लिखा कि कभी-कभी वास्तविकता बनावटी लगती है, कभी-कभी सबकुछ झूठ निकलता है…..मुझे भी लगता है कि शायद कोई बुरा सपना या कोई बुरा विचार चल रहा है, फिर मैं खुद से कहता हूं कि नहीं, एक ही सपना तीन साल तक कैसे चल सकता है, मैं एक गहरी सांस लेता हूं और खुद से कहता हूं कि यह खत्म हो गया, और फिर मैं उदास हो जाता हूं।