नई दिल्ली (द पंजाब प्लस) पाकिस्तान और भारत के बीच हुई झड़प में जहां रूस का एस-400 मिसाइल सिस्टम चर्चा में रहा, वहीं हाल ही में ईरान के मिसाइल हमले के दौरान इजरायल के आयरन डोम की भी काफी तारीफ हुई। अब अमेरिका भी एक अत्याधुनिक रक्षा कवच तैयार कर रहा है, जिसका नाम है ‘गोल्डन डोम’। इसका मकसद है, रूस और चीन जैसी बड़ी ताकतों से आने वाली घातक मिसाइलों से अमेरिका की सुरक्षा।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार पद संभालने के बाद इस परियोजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह सिस्टम अमेरिका को दुश्मन देशों की मिसाइलों से बचाएगा। ट्रंप ने दावा किया कि कनाडा भी इस परियोजना में शामिल होना चाहता है।
क्या है ‘गोल्डन डोम’?
गोल्डन डोम एक ऐसी प्रणाली है जो अंतरिक्ष में सैकड़ों सैटेलाइट का एक नेटवर्क बनाएगी। ये सैटेलाइट दुश्मन की मिसाइलों का पता लगाकर उन्हें ट्रैक करेंगे और उन्हें हवा में ही नष्ट कर देंगे। इस योजना की कमान स्पेस फोर्स के जनरल माइकल गुएटलेन को सौंपी गई है।
कितनी आएगी लागत?
ट्रंप के मुताबिक, यह प्रोजेक्ट जनवरी 2029 तक पूरी तरह चालू हो जाएगा। इसकी अनुमानित लागत लगभग 175 अरब डॉलर होगी, जो कि रूस के सालाना रक्षा बजट (149 अरब डॉलर) से भी ज्यादा है। अमेरिका का वर्तमान रक्षा बजट करीब 997 अरब डॉलर है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इस पर खर्च और समय दोनों कहीं ज्यादा हो सकते हैं। कांग्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, अगले 20 वर्षों में इस योजना पर 831 अरब डॉलर तक का खर्च हो सकता है।
फिलहाल क्या स्थिति है?
अमेरिका ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। मिसाइल, सैटेलाइट, सेंसर और सिस्टम की खरीद और टेस्टिंग का काम शुरू हो गया है। लेकिन अभी भी फंडिंग को लेकर संशय बना हुआ है। कुछ लोग इसे बहुत महंगा मानते हैं, तो कुछ को लगता है कि यह हथियारों की दौड़ को बढ़ावा देगा। कई वैज्ञानिकों को शक है कि यह सिस्टम वास्तव में काम कर भी पाएगा या नहीं।
विशेषज्ञों की राय क्या है?
टॉम काराको (सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज) का मानना है कि यह कदम ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अंतरिक्ष युद्ध की संभावना को देखते हुए अमेरिका को ऐसी रक्षा प्रणाली की जरूरत है। वहीं, लॉरा ग्रेगो (यूनियन ऑफ कंसर्न्ड साइंटिस्ट्स) ने चेतावनी दी कि यह सिस्टम बहुत जटिल, महंगा है और इसे आसानी से निशाना भी बनाया जा सकता है।
बताते चलें कि, गोल्डन डोम अमेरिका की एक बेहद महंगी और महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष में एक ऐसी रक्षा प्रणाली तैयार करना है जो आने वाले समय में चीन और रूस जैसे देशों की मिसाइलों से सुरक्षा दे सके। हालांकि यह परियोजना अभी शुरुआती चरण में है और इसकी सफलता, लागत और असर को लेकर अभी भी कई सवाल बने हुए हैं।