जालंधर (दीपक पंडित) देश की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटियों में एक पंजाब के फगवाड़ा में स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी ने भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान पाक का समर्थन देने वाले तुर्की और अजरबैजान के साथ अपना समझौता रद्द करने का फैसला लिया है। इसकी जानकारी खुद लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU) के मालिक और राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल ने जारी की है।
उनके द्वारा शेयर किए गए एक ट्वीट में उन्होंने कहा- हमारे दुश्मन देश की मदद करने वाले तुर्की और अजरबैजान से हमारी यूनिवर्सिटी हर तरह का समझौता रद्द करती है और आगे भी ऐसा ही रहेगा। साथ ही एलपीयू के मालिक ने अन्य बड़े शैक्षणिक संस्थानों से अपील की है कि वह भी अपना समझौता दोनों देशों के साथ रद्द कर दें।

डॉ. अशोक मित्तल ने कहा- विश्वविद्यालय ने हाल की भू-राजनीतिक घटनाओं का हवाला देते हुए तुर्की और अजरबैजान के संस्थानों के साथ 6 शैक्षणिक साझेदारियों को आधिकारिक रूप से समाप्त कर दिया है। क्योंकि ये साझेदारियां भारत के राष्ट्रीय हित में नहीं थीं।
सांसद मित्तल ने कहा- इस निर्णय में छात्र एवं स्टाफ विनिमय कार्यक्रम, संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं, दोहरी डिग्री पहल और दोनों देशों के संस्थानों के साथ शैक्षणिक सहयोग के अन्य सभी रूपों को तत्काल समाप्त करना शामिल है। यह कदम हाल ही में भारत और पाकिस्तान तनाव के दौरान तुर्की और अजरबैजान के पाकिस्तान समर्थक रुख के जवाब में उठाया गया है।
अशोक मित्तल ने आगे कहा- जब हमारे बहादुर सशस्त्र बल अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं तो हम विश्वविद्यालय के रूप में चुप नहीं रह सकते। एलपीयू का मिशन हमेशा भारत के विकास और अखंडता से जुड़ा रहा है और हम कभी भी ऐसे किसी संगठन से नहीं जुड़ेंगे जो भारत की संप्रभुता (स्वतंत्रता) को कमजोर करता हो।