चंडीगड़ (द पंजाब प्लस) पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहे जल विवाद में एक बड़ी हलचल सामने आई है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले में पंजाब के पक्ष में एक अहम फैसला सुनाते हुए हरियाणा को एक बड़ा झटका दिया है। यह विवाद न केवल पंजाब और हरियाणा, बल्कि पूरे देश के लिए एक अहम उदाहरण बन सकता है कि किस तरह प्राकृतिक संसाधनों को लेकर विभिन्न राज्य आपस में कानूनी लड़ाइयाँ लड़ते हैं। 20 मई की सुनवाई इस मामले के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।
-हरियाणा और BBMB को नोटिस जारी
14 मई 2025 को हुए हाईकोर्ट की सुनवाई में जल विवाद पर महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए गए। कोर्ट ने केंद्र सरकार, हरियाणा और भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) को नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर स्पष्ट जवाब देने को कहा है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 20 मई 2025 को होगी। यह सुनवाई जल विवाद के समाधान के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
-कोर्ट ने उठाए अहम सवाल
हाईकोर्ट ने सवाल उठाया कि हरियाणा को अतिरिक्त पानी की आवश्यकता क्यों है, जबकि जल बंटवारे के मौजूदा समझौतों के तहत पानी पहले से निर्धारित किया गया है। इसके बाद कोर्ट ने हरियाणा और बीबीएमबी दोनों को स्पष्ट स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई में दोनों पक्षों को अपना पक्ष साफ तौर पर रखना होगा।
-भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक
इस बीच, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड की एक अहम बैठक होने वाली है, जिसमें पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के इंजीनियर शामिल होंगे। यह बैठक जल विवाद के समाधान के लिए एक अहम कदम साबित हो सकती है, क्योंकि तीनों राज्यों के बीच पानी के उचित बंटवारे को लेकर चर्चा होगी।
– 20 मई को होगी आगामी सुनवाई
इस मामले की आगामी सुनवाई 20 मई को होनी है, जो इस विवाद के भविष्य की दिशा तय कर सकती है। जल बंटवारे के इस मुद्दे पर पंजाब और हरियाणा के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। दोनों राज्य पानी के महत्व के कारण इस पर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि हाईकोर्ट के इस फैसले और बीबीएमबी की बैठक के बाद इस विवाद का हल कैसे निकलता है। जल बंटवारे के इस संघर्ष से दोनों राज्यों के राजनीतिक और आर्थिक परिदृश्य पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है।