मोहाली (द पंजाब प्लस) पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहा जल विवाद अब और अधिक गंभीर मोड़ पर पहुंच गया है। भाखड़ा-ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) को लेकर हालात इतने बिगड़ गए कि आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकर्ताओं ने बोर्ड के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी को सतलुज भवन में कथित रूप से रोक लिया। जानकारी के अनुसार, मंगलवार रात BBMB के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा नंगल डैम से जबरन पानी छोड़ने की कोशिश की गई, जिस पर पंजाब पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अधिकारी को हिरासत में ले लिया। इस कदम के बाद स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई।
-नंगल डैम पहुंचे CM मान
बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान एडवोकेट जनरल मनिंदरजीत सिंह बेदी के साथ नंगल डैम पहुंचे। उसी दौरान जब चेयरमैन मनोज त्रिपाठी डैम में प्रवेश करना चाह रहे थे, उन्हें रोक दिया गया, जिसके बाद वे सतलुज भवन लौटे। वहाँ AAP नेता और पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस अपने समर्थकों के साथ पहुंचे और भवन के मुख्य द्वार पर ताला जड़ कर विरोध दर्ज कराया।
इस बीच, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले में हस्तक्षेप करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पंजाब पुलिस या सरकार BBMB के कार्य में बाधा नहीं डाल सकती। कोर्ट ने कहा कि भाखड़ा नंगल डैम और लोहंद कंट्रोल रूम के संचालन में केंद्र के निर्देश ही मान्य होंगे।
-2 मई को हुई थी बैठक
मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति सुमित गोयल की खंडपीठ ने केंद्र सरकार की 2 मई को हुई बैठक के निर्णयों को तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश दिया है। बैठक में हरियाणा को अतिरिक्त 4500 क्यूसेक पानी देने का फैसला हुआ था, जबकि अभी तक उसे केवल 4000 क्यूसेक पानी ही मिल रहा है।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि पंजाब सरकार इस निर्णय से असहमत है, तो वह BBMB के माध्यम से केंद्र सरकार से संवाद कर सकती है, लेकिन सीधे हस्तक्षेप करना कानून के विरुद्ध होगा। यह विवाद जल प्रबंधन और राज्यों के अधिकारों को लेकर एक बड़ी कानूनी और राजनीतिक चुनौती बनकर उभर रहा है।