पहलगाम (द पंजाब प्लस) जम्मू-कश्मीर की प्रसिद्ध पर्यटन नगरी पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद से यहां का माहौल पूरी तरह बदल चुका है। जहां 23 अप्रैल तक पहलगाम के पर्यटन स्थल पर्यटकों से गुलजार रहते थे, वहीं अब ये जगह वीरान हो चुकी है। सड़कों पर सन्नाटा पसरा है, बाजार बंद हैं, और सुरक्षाबल हर जगह तैनात हैं। पहलगाम और आसपास के मंदिरों और मस्जिदों तक में लोग नजर नहीं आ रहे। इस हमले के बाद से यहां के हर व्यक्ति के चेहरे पर ग़म और निराशा साफ झलक रही है।
पहलगाम जाने से डर रहे पर्यटक
हमले के बाद से यहां का पर्यटन पूरी तरह से ठप हो गया है। होटल व्यवसायी, टट्टू मालिक और आम लोग इस हमले से बहुत परेशान हैं। एक होटल मालिक ने कहा, “हमारा होटल पूरी तरह से पर्यटकों से भरा हुआ था, लेकिन हमले के बाद सभी ने अपनी बुकिंग कैंसिल कर दी। हमलोग सदमे में हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि हमले के बाद उनके होटल में काम करने वाले 40 कर्मचारियों की नौकरी चली गई है। एक अन्य स्थानीय व्यक्ति ने कहा, “हम इस हमले की कड़ी निंदा करते हैं। हम पर्यटकों से कहना चाहते हैं कि वे डरें नहीं, हम सब उनके साथ हैं।”
पर्यटन उद्योग पर गहरा असर
पहलगाम में पर्यटन से जुड़ा हर व्यक्ति इस हमले से प्रभावित हुआ है। होटल मालिक, टूरिस्ट गाइड और अन्य व्यवसायों को इस घटना से भारी नुकसान हुआ है। जब से हमले की खबर आई है, पर्यटकों ने पहलगाम आना बंद कर दिया है। पर्यटन से जुड़े लोग इस घटना को इंसानियत और धर्म के खिलाफ मानते हैं, और इसे उनके कारोबार के लिए बड़ा झटका मानते हैं।
जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था के लिए खतरा
जम्मू-कश्मीर की कुल अर्थव्यवस्था में पर्यटन का बड़ा योगदान है, जो करीब 8% है। राज्य सरकार का लक्ष्य था कि 2030 तक यह उद्योग 30,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाए, लेकिन इस हमले के बाद पर्यटन उद्योग को जिस तरह का नुकसान हुआ है, उसे देखते हुए यह लक्ष्य अब खतरे में पड़ गया है।
80% टूर पैकेज रद्द हो चुके
हमले के बाद देशभर की ट्रैवल एजेंसियों से बुकिंग रद्द करने के अनुरोध आ रहे हैं। श्रीनगर के एक ट्रैवल ऑपरेटर एजाज अली ने बताया, “करीब 80% टूर पैकेज रद्द हो चुके हैं और अगले महीने की बुकिंग भी रद्द की जा रही है।”