नई दिल्ली (द पंजाब प्लस) चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध एक बार फिर से गर्मा गया है। चीन ने शुक्रवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए ऐलान किया है कि वह अमेरिका से आने वाले सामान पर अतिरिक्त टैक्स (टैरिफ) लगाएगा। अब चीन ने अपने टैरिफ को 84% से बढ़ाकर 125% कर दिया है। ये नए टैरिफ 12 अप्रैल से लागू हो जाएंगे। ये फैसला अमेरिका द्वारा चीन से आने वाले सामानों पर टैरिफ बढ़ाकर 145 प्रतिशत करने के जवाब में लिया गया है।
WTO में की गई शिकायत
चीन ने कहा है कि अमेरिका के इस टैरिफ बढ़ोतरी के कदम से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नियमों का उल्लंघन हुआ है। इसी के चलते चीन ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) में अमेरिका के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कर दी है।
शी जिनपिंग की पहली प्रतिक्रिया
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस टैरिफ युद्ध पर पहली बार सार्वजनिक टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “टैरिफ युद्ध में कोई विजेता नहीं होता। जो देश दुनिया के खिलाफ जाता है, वह खुद को अलग-थलग कर लेता है।” ये बयान उन्होंने बीजिंग में स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ के साथ बैठक के दौरान दिया। शी ने आगे कहा कि चीन और यूरोपीय संघ को मिलकर काम करना चाहिए ताकि वैश्विक व्यापार और आर्थिक माहौल को बचाया जा सके और किसी एक देश की एकतरफा धमकी का विरोध किया जा सके।
चीन का रुख सख्त, पर शांति की उम्मीद भी
चीनी टैरिफ आयोग का कहना है कि फिलहाल अमेरिकी उत्पादों के लिए चीन में बाजार स्वीकार्यता नहीं बची है, लेकिन अगर अमेरिका भविष्य में टैरिफ और बढ़ाता है, तो चीन हर बार जवाब नहीं देगा। आयोग ने यह भी कहा, “अगर अमेरिका बार-बार टैरिफ बढ़ाता रहा, तो यह कदम आर्थिक रूप से बेमतलब साबित होगा और इतिहास में मजाक बनकर रह जाएगा।”
अमेरिका की तरफ से क्या हुआ?
10 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 90 दिनों के लिए कुछ टैरिफ को स्थगित कर दिया था, लेकिन चीन पर टैरिफ 145% तक बढ़ा दिए थे। ट्रंप ने चीन की ओर से हुई 84 प्रतिशत टैरिफ वृद्धि को इसकी वजह बताया और फिर तुरंत अमेरिकी टैरिफ को 125 प्रतिशत तक और बढ़ाने का ऐलान कर दिया। अमेरिका का कहना है कि चीन की नीतियां अनुचित हैं और वह आर्थिक दबाव बनाकर व्यापार समझौते को प्रभावित करना चाहता है।
चीन ने क्या कहा?
चीन ने ट्रंप के इन फैसलों को “एकतरफा धमकी, अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन और सामान्य आर्थिक सिद्धांतों के खिलाफ” बताया है। चीन ने यह भी साफ कर दिया है कि अगर अमेरिका उनके हितों को नुकसान पहुंचाता रहेगा, तो “चीन भी कड़े जवाबी कदम उठाएगा और अंत तक मुकाबला करेगा।”