चंडीगड़ (द पंजाब प्लस) केंद्रीय प्राकृतिक गैस मंत्रालय एवं देश की तीन प्रमुख गैस कंपनियों द्वारा फर्जी गैस कनेक्शन धारकों के खिलाफ बड़ा एक्शन लेने की रणनीति अपनाई जा रही है जिसमें कई गैस एजेंसियों के डीलरो द्वारा अभी तक ई. के.वाई.सी नहीं करवाने वाले उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर की सप्लाई देने से हाथ खींचने संबंधी रुझान आने भी शुरू हो चुके हैं l
यहां बताना अनिवार्य होगा कि इंडेन गैस, भारत गैस और हिंदुस्तान गैस कंपनियों से संबंधित प्रत्येक उपभोक्ता को अपने गैस कनेक्शन की ई. के.वाई.सी करवाना लाजमी है l जिसके लिए सभी गैस एजेंसियों के कार्यालय में ई-पॉस मशीनों पर उपभोक्ताओं के फिंगरप्रिंट मैच किया जा रहे हैं ताकि सही उपभोक्ता की पहचान करने सहित फर्जी तरीके से चल रहे सभी गैस कनेक्शन को रद्द किया जा सके, जिसमें वर्षों पहले मर चुके उपभोक्ताओं के गैस कनेक्शन, प्रवासी मजदूर जो कि अब शहर में नहीं रह रहे है सहित एक ही घर में चल रहे मल्टीप्ल गैस कनेक्शन विशेष रूप से शामिल है। ऐसे सभी गैस कनेक्शन धारकों पर केंद्र सरकार के सख्त निर्देशों के बाद गैस कंपनियों के अधिकारियों द्वारा शिकंजा कसा जा रहा है ता कि घरेलू गैस सिलेंडरों पर मिलने वाली सब्सिडी के हो रहे बड़े दुरुपयोग को रोका जा सके l
अब अगर बात की जाए अपने घरेलू गैस कनेक्शन की ई. के.वाई.सी करवाने वाले उपभोक्ताओं की तो इंडेन गैस कंपनी द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक अब तक करीब 60 फीसदी से अधिक उपभोक्ताओं द्वारा ई.के.वाई.सी करवाने का काम निपटा लिया गया है माना जा रहा है कि प्रत्येक उपभोक्ता को योजना के घेरे में लाने के लिए गैस कंपनियों द्वारा युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है ता कि बाजार में घरेलू गैस की हो रही कालाबाजारी और दुरुपयोग के मामलों पर नकेल कसी जा सके l हालांकि गैस कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडरों की बुकिंग के बाद डिलीवरी देने के दौरान डी.ए.सी नाम की एक योजना लागू की गई है जिसमें बिना ओटीपी के उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर नहीं देने का दावा किया जा रहा है लेकिन बावजूद इसके महानगर में घरेलू गैस की कालाबाजारी पूरे धड़ल्ले से चल रही है l